Gujrat me Ghumne ki Jagah-Best Tourist Places in Gujarat

Gujrat me Ghumne ki Jagah-Best Tourist Places in Gujarat

ये है गुजरात में घूमने का सबसे बेस्ट जगह (gujrat me ghumne ki jagah),जहां लाखों पर्यटक घूमने आया करते हैं | अगर आपको घूमने का बहुत शौक है तो आप एक नजर गुजरात की तरफ देख सकते हैं क्योंकि गुजरात में हर साल पर्यटकों की मात्रा बढ़ती जा रही है जिसका प्रमुख कारण यहां की संस्कृति और नृत्य कलाए आदि । हम आपको गुजरात में घूमने के लिए कुछ बेहतरीन जगह बताने वाले हैं। जहां आप घूम सकते है। Best place to visit in Gujarat in Hindi (Gujrat Me Ghumne ki Jagah)

Gujrat me ghumne ki jagah

1.स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (statue of unity in Gujarat)

गुजरात एक ऐसा राज्य है जो अपनी  सांस्कृतिक धरोहर और ऐतिहासिक महत्व को उजागर करता हैं। इनमें से एक अद्वितीय और प्रेरणादायक स्मारक हैं  “स्टैच्यू ऑफ यूनिटी” यह मूर्ति भारत के पहले उपप्रधानमंत्री और लौह पुरुष के रूप में प्रसिद्ध सरदार वल्लभभाई पटेल की श्रद्धांजलि के स्वरूप के लिए बनाई गई है। हम आपको बता दे की यह दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है जो भारत की एकता और अखंडता का प्रतीक मानी जाती है। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी ( statue of unity) का निर्माण गुजरात राज्य के नर्मदा जिले में, नर्मदा नदी के किनारे के पास किया गया  है। जबकि इसकी ऊंचाई 182 मीटर यानी 597 फीट है, जो इसे दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा के रूप में जानी जाती है। “स्टेच्यू ऑफ यूनिटी” की शुरुआत 2010 में हुई थी और इसे पूरा होने में लगभग 4 साल का समय लगा। जबकि इस मूर्ति को बनाने वाले  भारतीय मूर्तिकार राम वी. सुतार  है। इसके निर्माण में लगभग 2,000 कारीगरों और इंजीनियरों ने भाग लिया, और कुल लागत लगभग 2,989 करोड़ रुपए थी।

गुजरात : Top 10 Best Place To Visit Gujarat | Gujarat Tourism in Hindi

हम सभी को पता है कि, सरदार वल्लभभाई पटेल, जिन्हें “लौह पुरुष” के नाम से जाना जाता है, जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता थे। उन्होंने भारत की एकता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। विशेष रूप से, उन्होंने विभाजन के बाद राज्यों के एकीकरण में महती योगदान दिया था।

गुजरात में घूमने की जगह

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी केवल एक मूर्ति नहीं, बल्कि यह भारतीयता और एकता का प्रतीक है। यह हमें याद दिलाता है कि हमारे महान नेताओं ने जिस प्रकार देश की एकता को बनाए रखने के लिए कार्य किया, उसी प्रकार हमें भी अपनी राष्ट्रीय एकता और अखंडता को सहेजने की आवश्यकता है। यह स्मारक आज न केवल भारतीयों के लिए बल्कि दुनिया भर के लोगों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत हैं जब एक अनुमान की मुताबिक हर साल 2 करोड़ लोग “स्टेच्यू ऑफ यूनिटी” को देखने के लिए आते है। अगर आप गुजरात घूमना चाहते है तो यह पर्यटन स्थल आपके लिए प्रमुख है। जो Gujarat me ghumne ki jagah में से सबसे best हैं।

  1. महात्मा गांधी का साबरमती आश्रम (Mahatma Gandhi Ka Sabarmati Ashram): 

महात्मा गांधी से जुड़े साबरमती आश्रम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक अभिन्न हिस्से के रूप में जाना जाता है। यह आश्रम गांधी जी के सत्य, अहिंसा और आत्मनिर्भरता के सिद्धांतों का आंदोलन बना हुआ हैं। साबरमती आश्रम, जो गुजरात के अहमदाबाद शहर के पास साबरमती नदी के किनारे स्थित है, जो महात्मा गांधी के जीवन का एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है। यहाँ से उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को दिशा दी और भारतीय समाज में सुधार की दिशा में कई क्रांतिकारी कदम उठाए। अगर इसकी इतिहास को देखा जाए तो 

साबरमती आश्रम की स्थापना महात्मा गांधी ने 1917 में की थी। यह आश्रम पहले एक साधारण सा घर था, लेकिन गांधी जी के आगमन के बाद इसने एक ऐतिहासिक महत्व प्राप्त किया। यहां आकर गांधी जी ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के कई महत्वपूर्ण आंदोलनों की रूपरेखा तैयार की, जिनमें विशेष रूप से असहमति का अहिंसात्मक विरोध और सत्याग्रह आंदोलनों का आयोजन शामिल था।

यह आश्रम गांधी जी के सिद्धांतों का सबसे बड़ा उदाहरण बन गया, जिसमें स्वदेशी वस्त्र पहनने, खादी का प्रचार करने और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने का संदेश दिया गया। साबरमती आश्रम में महात्मा गांधी ने कई महत्वपूर्ण कार्य किए, जैसे कि ‘नमक सत्याग्रह’ और ‘चंपारण सत्याग्रह’। क्योंकि साबरमती आश्रम महात्मा गांधी के विचारों और कार्यों का केंद्र था। यहां गांधी जी ने अपने प्रमुख शिष्य पं. जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, और अन्य नेताओं के साथ मिलकर कई रणनीतियां बनाई। यहां  पर आने वाले लोग गांधी जी की शिक्षाओं को समझने और उनके विचारों से प्रेरित होने के लिए आते हैं। साबरमती आश्रम में महात्मा गांधी से संबंधित कई ऐतिहासिक वस्तुएं रखी गई हैं। आश्रम के भीतर एक संग्रहालय है, जहां गांधी जी के जीवन और कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाती है। यहाँ उनकी व्यक्तिगत वस्तुएं, उनके द्वारा लिखे गए पत्र, और उनके द्वारा किए गए प्रमुख आंदोलनों के दस्तावेज रखे गए हैं। इसके अलावा, आश्रम में ‘विनोबा भवन’, ‘नवजीवन आश्रम’, ‘एकता कुण्डल’ जैसे स्थल भी हैं जो गांधी जी के जीवन और उनके विचारों को दर्शाते हैं। अगर आप गांधी जी के प्रमुख विचारों को जानना चाहते है तो, साबरमती आश्रम में देखने के लिए जरूर जाए।

3.सोमनाथ मंदिर (Somnath temple in Gujarat):

सोमनाथ मंदिर भगवान शिव के ज्योतिलिंग में से एक है। जो भारतीय संस्कृति और धार्मिकता का एक महत्वपूर्ण केंद्र बना हुआ है, जो गुजरात राज्य के द्वारका जिले के प्रभास पाटन में स्थित है। यह मंदिर शिवजी के एक प्रमुख ज्योतिर्लिंग के रूप में पूजा जाता है और हिंदू धर्म के 12 ज्योतिर्लिंगों में सबसे पहले आता है। जो न केवल भारतीय श्रद्धालुओं बल्कि पूरे विश्व के भगवान शिव के भक्तों के लिए एक आस्था का प्रतीक है।
इस मंदिर का रहस्य यह है की जब प्रजापति दक्ष ने चंद्रमा को हमेशा के लिए छय होने का श्राफ दिया था तब भगवान शिव ने उन्ही जीवनदान दी थी तभी से इस भूमि को सोमनाथ मंदिर के रूप में जाना जाता हैं जिसकी पूरा अर्चना करने के लिए लाखों श्रद्धालु आते रहते है। जबकि सोमनाथ मंदिर का पहला निर्माण प्राचीन काल में हुआ था और इसे विभिन्न शासकों द्वारा पुनर्निर्मित किया गया। मंदिर को कई बार आक्रमणों का सामना भी करना पड़ा। सबसे प्रमुख आक्रमण महमूद गजनवी द्वारा 1025 में हुआ, जब उसने मंदिर को लूटा और ध्वस्त कर दिया। फिर भी, भारतीयों की आस्था और श्रद्धा के चलते मंदिर का पुनर्निर्माण कई बार हुआ। अंततः, आज के सोमनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद 1951 में हुआ, जिसमें भारत सरकार ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।

अगर आप शिव भक्त है ये स्थान आपके लिए महत्पूर्ण है। जब भी आप गुजरात की सैर पर निकले भगवान शिव के दर्शन जरूर करें।

  1. श्री द्वारकाधीश मंदिर (Shree Dwarkadhish Temple):

श्री द्वारकाधीश मंदिर भारतीय श्रद्धालुओं के लिए बहुत ही महत्पूर्ण स्थान हैं जो  भारत के प्रमुख और ऐतिहासिक धार्मिक स्थलों में से एक है, जो गुजरात राज्य के द्वारका नगर में स्थित है। यह मंदिर भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है, जो हिंदू धर्म के सर्वोत्तम देवताओं में से एक माने जाते हैं। द्वारकाधीश, भगवान श्री कृष्ण के रुक्मिणी के साथ द्वारका नगरी में निवास करने के समय के प्रमुख रूप से पूजे जाते हैं। श्री द्वारकाधीश का मंदिर धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से संसार में अत्यधिक महत्व रखता है और हिंदू श्रद्धालुओं के लिए एक पवित्र स्थल हैं। अगर इसकी इतिहास को देखा जाए तो श्री द्वारकाधीश मंदिर का इतिहास अत्यंत प्राचीन है।
इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि यह वही स्थान है जहाँ भगवान श्री कृष्ण ने रुक्मिणी से विवाह किया था और यहीं पर उन्होंने अपनी किलेबंदी की थी। द्वारका नगरी को भगवान श्री कृष्ण ने महाभारत के समय अपनी राजधानी के रूप में स्थापित किया था। इस नगरी के भीतर द्वारकाधीश मंदिर एक प्रमुख धार्मिक स्थल के रूप में स्थापित हुआ। कहा जाता है कि द्वारका नगरी को समुद्र में समाहित होने से पहले इस मंदिर का महत्व और भी बढ़ा था। यह मंदिर लगभग 5000 साल पुराना माना जाता है, और इसे विभिन्न समयों में मरम्मत और पुनर्निर्माण का सामना भी करना पड़ा। मंदिर के पुनर्निर्माण का सबसे महत्वपूर्ण समय 15वीं शताबदी में हुआ था, जब इसे फिर से खड़ा किया गया। जो आज श्रद्धालुओं का केंद्र बना हुआ हैं। यह स्थान Gujarat me ghumne ki jagah में से एक हैं।

5.सबरमती रिवरफ्रंट (Sabarmati Riverfront):

साबरमती रिवर फ्रंट अहमदाबाद की पहचान और समृद्धि का प्रतीक माना जाता हैं सबरमती रिवरफ्रंट अहमदाबाद शहर का एक प्रमुख और अत्यधिक लोकप्रिय पर्यटन स्थल में से एक है, जो न केवल शहर की सुंदरता को बढ़ाता है, बल्कि यह स्थान अहमदाबाद की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर का भी एक अभिन्न हिस्सा है। साबरमती नदी के किनारे स्थित यह रिवरफ्रंट एक आधुनिक शहरी परियोजना है, जिसका उद्देश्य नदी के किनारे के इलाकों को पुनर्जीवित करना और शहर की जीवन गुणवत्ता को सुधारना था। यह रिवरफ्रंट अहमदाबाद की शहरी विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
जबकि साबरमती रिवरफ्रंट परियोजना की शुरुआत 1997 में हुई थी। इसका मुख्य उद्देश्य नदी के किनारे के क्षेत्रों को जलप्रदूषण से मुक्त करना, शहर के बुनियादी ढांचे में सुधार करना और जनता के लिए एक सुन्दर और सुरक्षित सार्वजनिक स्थान बनाना था। वहीं साबरमती नदी का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व है, क्योंकि यह नदी महात्मा गांधी के साथ जुड़ी हुई है। 

6.लक्ष्मी विलास पैलेस (Lakshmi Vilas Palace):

गुजरात के लक्ष्मी विलास पैलेस भारत के सबसे भव्य और ऐतिहासिक महलों में से एक है, जो गुजरात राज्य के वडोदरा (अब बड़ौदा) शहर में स्थित है। यह महल बड़ौदा के प्रसिद्ध गायकवाड़ शाही परिवार का निवास स्थान था और अपनी वास्तुकला, ऐतिहासिक महत्व और भव्यता के कारण न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। लक्ष्मी विलास पैलेस को बड़ौदा के शाही परिवार के अंतिम शासक, सयाजी राव गायकवाड़ ने बनवाया था, और यह उनकी शाही शक्ति और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है वही इसके इतिहास को देखा जाए तो लक्ष्मी विलास पैलेस का निर्माण 1878 में शुरू हुआ और यह 1914 में पूरा हुआ। यह महल गायकवाड़ परिवार के लिए एक नया महल था, क्योंकि पहले वे पुराने किले में रहते थे। 

 लक्ष्मी विलास पैलेस वास्तुकला की नजर से देखा जाए तो  भारतीय और यूरोपीय डिज़ाइन का संगम स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। महल में गोटिक, मुघल और राजपूत शैलियों का प्रभाव है। महल का मुख्य भवन चार मंजिला है, और इसमें शानदार बालकनियां, सुंदर गुम्बद, और अद्वितीय आर्ट डेको शैली की सजावट है।

महल के अंदर विशाल हॉल, शाही कमरे, और बगीचे हैं, जो इसे और भी भव्य बनाते हैं। अगर आपको शाही दरबार से रुचि रखते या देखना चाहते हैं तो यह जगह आपके लिए महत्पूर्ण है।

हम आपको गुजरात में घूमने की जगहों ( Gujarat me ghumne ki jagah)के बारे में बताए हैं जो लोगों और पर्यटकों की दृष्टि से सबसे ज्यादा देखे जाने वाली स्थल हैं। अगर हमारा आर्टिकल आपको पसंद आया हो, तो अपने दोस्तो और परिवार के साथ जरूर शेयर करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *